गुरुवार, 30 नवंबर 2017

सोमवार, 27 नवंबर 2017

रोग

ठीक न होगा
दवा ले लो कोई भी,
प्रेम का रोग ।

अदावत

अदावत !
नुकसान मेरा भी होगा, लेकिन पता उन्हें भी तो चले कि उनके जड़ राजनीतिक आचरण और कट्टर धार्मिक और विश्वासों के चलते उन्होने मेरे जैसा अच्छा मित्र खो दिया है ।

उजड्ड

क्या उन्हें नहीं पता कि उनके राम मंदिर आंदोलन के चलते अनगिनत समझदार, श्रेष्ठ हिन्दू उनसे विरत हुए हैं ? फिर तो उनको शेष उजड्ड भीड़ से कितनी और किस गुणवत्ता की ताक़त मिलेगी ?

समान मात्रा

रिलिजन और बन्धन समान मात्रा वाले शब्द हैं !

समान मात्रा

रिलिजन और बन्धन समान मात्रा वाले शब्द हैं !

रविवार, 26 नवंबर 2017

गंभीर राजनीति

राजनीति एक गम्भीर कर्म है । यह किन्ही का शौक पूरा करने का साधन नहीं है । कि कोई अपने नाम से या कोई यूँ ही दल/ पार्टी का नाम रखकर चुनाव में खड़ा हो जाय और वोट माँगने चला आये । अरे, किसी विचारधारा के आधार पर ज़िम्मेदारी से राजनीति करने वाली पार्टी के साथ संघर्ष करो  फिर हमारे दरवाज़े आओ ।

शुक्रवार, 24 नवंबर 2017

व्यक्तिजन

हम अपने काम के ज़िम्मेदार हैं/ ज़िम्मेदार रहेंगे/ ज़िम्मेदार बनेंगे ।
यही है Indivualism, व्यक्तिजन वाद ।

बुधवार, 22 नवंबर 2017

म्लेच्छ

ईश्वर को मानने में दिक्कत यह भी है कि इसे वह भी मानते हैं जिन्हें आप म्लेच्छ, आतंकवादी कहते हो ।

Living Being

Living Being
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Only "Living" is also a "Being" .
केवल जीना भी आख़िर तो "होना" है !

अंगुलिमाल

अबकी बार जो अंगुलिमाल मिला तो वह गौतम बुद्ध को छोड़ेगा नहीं । अगर बुद्ध ने मोदी पर उँगली उठाई तो वह उनकी उँगली काट लेगा । अंगुलिमाल ने अब अपना नाम बदल लिया है और वह पाटलिपुत्र राजधानी वाले प्रदेश की एक पार्टी का अध्यक्ष हो गया है ।

शुक्रवार, 17 नवंबर 2017

कमाल पाशा

कभी तो हमने भी हिन्दू राज्य की चाहना की थी । लेकिन तब हमारे मन में कमाल पाशा का आदर्श था । जैसा उन्होंने तुर्की के मुस्लिम राज्य में किया वैसे ही कोई हिंदुस्तान में करता । लेकिन यहाँ तो उल्टे हम और पीछे जा रहे हैं ।

मुख्य धारा

दलित- वंचित, उपेक्षितों की धारा ही भारत की मुख्य धारा है  ।

अम्बेडकर

बाबा साहेब अंबेडकर को भारत का कार्ल मार्क्स माना जाय !

PSS

मुझे खुशी है कि विध्वंसक RSS के बरक्स निर्माणकारी Progressive, PSS पूर्णतः सक्रिय है । प्रत्यक्ष मीडिया या सड़कों पर तो बहुत नहीं लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर, छोटे समूहों में और सोशल मीडिया में इनकी ताक़त का अंदाज़ा लगाया जा सकता है । यह बहुत ज़रूरी काम है । खतरा देश पर ही नहीं समूची मानवता पर आसन्न है । बल्कि PSS नाम से झण्डा भी बना लेना चाहिए, एकजुटता के लिए, शक्ति संगठन के लिए ।

गुरुवार, 16 नवंबर 2017

बुर्ज़ुआ

बड़े समझदार (प्रोफेसर) लोग वोट देने नहीं जाते ।
बड़े सिद्धांतकार (कम्युनिस्ट) लोग वोट माँगने नहीं जाते ।
नतीजा यह कि बुर्ज़ुआ लोकतंत्र बुर्ज़ुआ वोटर और बुर्ज़ुआ राजनेता के बीच घिसकर दर बुर्ज़ुआ होता चला जा रहा है ।

गुरुवार, 9 नवंबर 2017

धोखा

चिड़ियों को धोखा देने के लिए खेतों में बिजूका खड़ा कर लेते हैं । अपने को धोखा देने के लिए ईश्वर अल्लाह, मन्दिर मस्जिद ।

मिट्टी

तन मिट्टी का, इतना तो धर्मगुरु अपने भक्तों को बताते हैं । लेकिन भगवान की मूर्ति मिट्टी की है, यह नहीं बताते ।