मंगलवार, 20 सितंबर 2011

कहानी पलट

सपने क तार तम्य
एक आदमी सपने लगातार देख सकता था । कोई व्यवधान उसका स्वप्न नहीं तोड़ पाता । जैसे वह एक सपना देख रहा है । बीच में घंटी बजी । उसने अखबार वाले का पेमेंट किया , या किसी आगंतुक के साथ कुछ देर बैठा ,उसे चाय पिलाई । और उनके जाने के बाद वह सो गया । तो वह वही सपना वहां से आगे देखना शुरू किया जहाँ उसने उस स्वप्न को छोड़ा था । यही कहानी है । अच्छी बनेगी । कोई बनाने वाला तो हो ! #
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