शनिवार, 3 सितंबर 2011

कहते नहीं बनता

१ - बराबरी न कर पाएँ तो क्या दौड़ें भी नहीं । ०
२ - साहित्यकार की कल्पनाशक्ति को कोई चुनौती न ही दे तो अच्छा । समर्थ विज्ञाल भी और सर्वसमर्थ ईश्वर भी । ०
३ - हमारी माता और हमारे पिता के मध्य क्या संबंध बै यह जान लेना कोई ज्ञान नहीं है । बल्कि ज्ञान और समझदारी इसमें है कि इस संबंध को पुत्र पुत्री कभी ज़ुबान पर न लाएँ । मानो वे कितने भोले और अज्ञानी हैं । ०
४ - मेरे लिए सब्ज़ी काटना कोई चित्रकारी करने या मूर्ति गढ़ने से कम कलात्मक , आनंददायक, आथ्यात्मिक काम नहीं है ।०
५ - साधारणता दिखती तो कमजोर जरूर है , पर होती है बड़ी ताकतवर । ०
६ - जो कुछ करने पर औरतें तब बदनाम कही जाती थीं , वही सब करने पर वे आजाद हो जाती हैं । ०
७ - I can only be ACTIONARY । I can not be REVOLUTIONARY । ०
############ ईदगाह,L-V-L/185 , Aliganj lucknow -226024(U।P.) , mob- 9415160913 , Email-priyasampadak@gmail.com, -उग्रनाथ नागरिक रिटा.इंजी. कवि-लेखक-पत्रकार.

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